ले पंगा न्यूज डेस्क, चंदना पुरोहित। कांग्रेस की 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस को जनता में अपनी जगह बनाने के लिए मुद्दे की तलाश है। मोदी सरकार की दूसरी पारी शुरू होने के बाद भी अब तक कांग्रेस को कोई मुद्दा नहीं मिला है। कांग्रेस ने जो मुद्दा बनाने की कोशिश की उसमे हमेशा पलट कर उसे ही मुँह की खानी पड़ी है। हाल ही में कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की बैठक में घटती अर्थव्यवस्था दर को मुद्दा बनाने पर फैसला हुआ है।
पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी काफी आक्रामक नजर आई। उन्होंने पार्टी के प्रभारी, अध्यक्ष, महासचिव से मुलाकात की। उन्होंने बैठक में कहा की बीजेपी को मिले इतने बड़े जनाधार का दुरुपयोग हो रहा है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने पार्टी के नेताओं को सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ सड़क पर उतरने की नसीहत दी। उन्होंने कहा सिर्फ सोशल मिडिया पर सक्रीय रहना काफी नहीं है सीधे जनता तक पंहुचना होगा। सोनिया गाँधी ने सरकार पर आरोप लगाया की सरकार कांग्रेस के संयम का फायदा उठा रही है। विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। सत्ता में बैठे लोग महात्मा गाँधी, सरदार पटेल और डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारों को अपने हिसाब से लोगों तक पँहुचाने का प्रयास कर रही है।
बता दें की पार्टी बिगड़ती आर्थिक स्थिति के विषय में सभी प्रदेशों में 20 से 30 सितंबर को सम्मेलन आयोजित करेगी फिर 15 से 25 अक्टूबर तक बिगड़ती आर्थिक स्थिति के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी। गांधीजी की 150 वी जयंती पर पार्टी के नेता प्रदेशों में पदयात्रा करेंगे। जल्द ही पार्टी सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी। पारम्परिक और डिजिटल तरीके से सदस्यता अभियान को चलाया जाएगा। गौरतलब है की सोनिया गाँधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद की कांग्रेस की पहली बैठक में राहुल गाँधी उपस्थित नहीं थे। बैठक में पार्टी के अन्य कई बड़े नेता मौजूद थे।